Wednesday, September 8, 2010

Being Human ...Dr.sweetangel


अब तो तू जब -जब रुलाएगा ,
ठहर जायेगा पलकों पर कोई आंसू 
रख लुंगी वो अपनी पलकों  पर सहेज कर ,
अपने नयनों के सीप के भीतर संभाल कर ,
इस उम्मीद से एक दिन हो न हो यही आंसू 
 तेरे मेरे मिलन का मोती बन जायेगा ........................................................मेरे आगामी "प्रेम ग्रन्थ "से