Wednesday, June 26, 2013

Dr.Shalini Agam ......................Being Human

Dr Shalini Agam ( dr.sweet angel)a multifaceted personality honored n awarded by "Aagaman " as........................."QUEEN   & PARI "  





गंभीर भी, चंचल भी, लक्ष्य को साधे चिंतित भी, 

आकर्षक व्यक्तित्व, विशाल हृदय , मृदुभाषी , 

स्वनियंत्रित (तस्वीर कभी झूठ नहीं 

बोलती...................... डॉ. एंजिल आपकी लेखनी 

में 
सरस्वती बोलती है. निःसंदेह आप जिस स्थान की 

ओर 

अग्रसर हो रही हैं वह आपका अधिकार है सरस्वती का 

वरदान, हिन्दी का अभिमान है..........ऐसे युवा ही 

हिन्दी के लिए एक नई क्रान्ति , एक नए विचारों के 

अग्रदूत बनें तो वह दिन दूर नहीं जब विश्व में सिर्फ 

और सिर्फ हिन्दी का बोलबाला हो और अंग्रेजी हिन्दी 

के 

आगे पानी भरती नजर आए. पुनः आपको हृदय से 


शुभकामनाएं..........................................

.....................................................ऋतुपर्ण दवे —







Monday, June 17, 2013

Image view

Image view

Dr.Sweet aNGEL


गंभीर भी, चंचल भी, लक्ष्य को साधे चिंतित भी, 

आकर्षक व्यक्तित्व, विशाल हृदय , मृदुभाषी , 

स्वनियंत्रित (तस्वीर कभी झूठ नहीं 

बोलती...................... डॉ. एंजिल आपकी लेखनी 

में 


सरस्वती बोलती है. निःसंदेह आप जिस स्थान की ओर 

अग्रसर हो रही हैं वह आपका अधिकार है सरस्वती का 

वरदान, हिन्दी का अभिमान है..........ऐसे युवा ही 

हिन्दी के लिए एक नई क्रान्ति , एक नए विचारों के 

अग्रदूत बनें तो वह दिन दूर नहीं जब विश्व में सिर्फ 


और सिर्फ हिन्दी का बोलबाला हो और अंग्रेजी हिन्दी 

के 

आगे पानी भरती नजर आए. पुनः आपको हृदय से 


शुभकामनाएं..........................................


.....................................................ऋतुपर्ण दवे —

Thursday, June 13, 2013

काश !

सब शांत हो जाये .....

ना  कुछ चाहूँ .......

ना  कुछ मांगूँ ......

बिन पाये ही .....

 सब कुछ पा लूँ  .........

स्थिर ,सरल ,

संतृप्त मन 

काश ये जीवन ..............

being human ..........................dr sweet angel













चटखी सी कोई कली या सरल सा रूप हो 

कौन है ये स्वप्न झरा  सा तुम हो या फूल हो 


सौन्दर्य की प्रतिमूर्ति सी या महकती धूप  हो 

कौन है ये मासूम सुन्दरी या शोख कोई चंचला हो ....

being human .............................dr.sweet angel ...

चटखी सी कोई कली या सरल सा रूप हो 

कौन है ये स्वप्न झरा  सा तुम हो या फूल हो 

सौन्दर्य की प्रतिमूर्ति सी या महकती धूप  हो 

कौन है ये मासूम सुन्दरी या शोख कोई चंचला हो ....

being human ........................................dr.sweet angel

जब तक आऊं प्रिय ............ ..........मेरा ख्याल करना ........ओस में  भीगी पांखुरी सी .........अलसाई सी ......रेशम -रेशम हो कर ......बारिश की पहली बूँद सी लगना ......
अपनी  ख्वाहिशों की पायल पहन कर रुन -झुन .....रुन -झुन सी खनकना ........महकते  मोंगरे के फूलों से अपना श्रृंगार करना ......और .....रात कली  सी खिल के फिर और दमकना .....................ज़माने की  नज़र तुमको कहीं लग न जाये ..................... इस चन्दा  से मुखड़े को तनिक बादलों से ढकना ..........हथेलियों में  ज्यों हो मेरी ............ तेरा मुखड़ा ................ये सोच के शरमाकर लाज की लाली सी दमकना ................
शेष मधुर मिलन पर ......
  

BEING HUMAN ...........................................dr.sweet angel


BEING HUMAN ....................DR. SWEET ANGEL

मधुर -मिलन 
..................उस मिलन -रात्रि पर हर ध्वनि संगीत बन मेरे कानों में 

रस घोल रही थी ...........

दिल चाहा  तुम्हारे अनुराग में डूबी मैं ................झूम -झूम कर गाऊँ 

......पैर ख़ुशी से खुद-ब  -खुद थिरकने लगे .......घर -बहार सब वैसा ही 

था ....पर न जाने क्यों तुम्हे पा  लेने की प्रसन्नता में  सब कुछ कितना 

बदला -बदला लग रहा था .............दीवारे जैसे ऊँचें पर्वतों में 

परिवर्तित  हो गयीं .....सारा साजो-सामान .....हरे - भरे  वृक्षों जैसा 

....सारा दृश्य जैसा कि  किसी फिल्म के रोमांटिक सीन में फिल्माया 

हुआ सा .............नायक -व् नायिका ............ मधुर संगीत 

......और बस खूबसूरत वादियाँ .....ही ही ही ही ही ही ......मैं शायद 

पगला गयीं हूँ तुम्हारे प्रेम में ..............................ये प्रेम भी 

कितना प्यारा होता है न ..............................सब कुछ कितना 

अच्छा  लगने लगता है ..................हसीन ...मदभरा .......सुहाना -

सुहाना .......

Wednesday, June 5, 2013

Being Human ....Dr.Sweet Angel


Being Human ....Dr.Sweet Angel


Being Human ....Dr.Sweet Angel


Being Human ....Dr.Sweet Angel

                                                "आमंत्रण "                
लरजते भीगते मौसम का आमंत्रण स्वीकार कर लो 

इस भीनी भीनी खुशबू का करीब से अंगीकार कर लो 

बूंदों की इस हलचल में बरखा मचल कर सावन से टकरा रही है 

तुम भी तड़पकर इस भीगते मौसम में हमें स्वीकार कर लो

न जाने क्तिने मोती बूँदें बन टपक रहे हैं आसमान से 

मेरे आँचल में  इन मोतियों की लड़ी जी भर जड़ने दो 

आओ तुम भी अपने प्रेम से सिक्त  कोमल -पवित्र मन पर 

इन  दिव्य -मोती -माणिक्य से परिपूर्ण बौछारों को भरने दो 

तन-मन कैसा धुल रहा है,सतरंगी -प्रेमांगी  हो रहा है 

कुदरत ने दी है जो नियामत ,उस नियामत को स्वीकार कर लो 

आज छा  जाने दो ,मचल जाने दो अरमां  इस निश्छल मन के 

मन की भीतरी गुह से अपने हर भाव-विभाव को बहार आने दो 

बाकी  कुछ न रहे ,अन कहे ,अनसुलझे जज्बात आज दिल के अन्दर 

कह कर सभी आरजुएँ ,पूरी कर  मन की हर बात इसे स्वीकार कर लो 

याद रखना प्रियवर ये तो मौसम है आया है ,गुजर  जायेगा 

इसके गुजर जाने से पहले प्रेम की इस वर्षा को स्वीकार कर लो .....

Being Human ....Dr.Sweet Angel

इस मुकुराहट  को कभी समझा था मैंने अपना 
पर अफ़सोस ये भी गैर की झूठन निकली 
आज न मिला कोई हमसाया तुमको 
तो मुझ पर ये रहमो करम क्यों कर ?????
मेरा "एतबार" तोड़ कर चले गए ...........
.मेरे आगामी प्रेम-ग्रन्थ से……...

Being Human...Dr.sweetangel