जब तक आऊं प्रिय ............ ..........मेरा ख्याल करना ........ओस में भीगी पांखुरी सी .........अलसाई सी ......रेशम -रेशम हो कर ......बारिश की पहली बूँद सी लगना ......
अपनी ख्वाहिशों की पायल पहन कर रुन -झुन .....रुन -झुन सी खनकना ........महकते मोंगरे के फूलों से अपना श्रृंगार करना ......और .....रात कली सी खिल के फिर और दमकना .....................ज़माने की नज़र तुमको कहीं लग न जाये ..................... इस चन्दा से मुखड़े को तनिक बादलों से ढकना ..........हथेलियों में ज्यों हो मेरी ............ तेरा मुखड़ा ................ये सोच के शरमाकर लाज की लाली सी दमकना ................
शेष मधुर मिलन पर ......
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