ठहर जायेगा पलकों पर कोई आंसू
रख लुंगी वो अपनी पलकों पर सहेज कर ,
अपने नयनों के सीप के भीतर संभाल कर ,
इस उम्मीद से एक दिन हो न हो यही आंसू
तेरे मेरे मिलन का मोती बन जायेगा ........................................................मेरे आगामी "प्रेम ग्रन्थ "से