Thursday, June 13, 2013

BEING HUMAN ....................DR. SWEET ANGEL

मधुर -मिलन 
..................उस मिलन -रात्रि पर हर ध्वनि संगीत बन मेरे कानों में 

रस घोल रही थी ...........

दिल चाहा  तुम्हारे अनुराग में डूबी मैं ................झूम -झूम कर गाऊँ 

......पैर ख़ुशी से खुद-ब  -खुद थिरकने लगे .......घर -बहार सब वैसा ही 

था ....पर न जाने क्यों तुम्हे पा  लेने की प्रसन्नता में  सब कुछ कितना 

बदला -बदला लग रहा था .............दीवारे जैसे ऊँचें पर्वतों में 

परिवर्तित  हो गयीं .....सारा साजो-सामान .....हरे - भरे  वृक्षों जैसा 

....सारा दृश्य जैसा कि  किसी फिल्म के रोमांटिक सीन में फिल्माया 

हुआ सा .............नायक -व् नायिका ............ मधुर संगीत 

......और बस खूबसूरत वादियाँ .....ही ही ही ही ही ही ......मैं शायद 

पगला गयीं हूँ तुम्हारे प्रेम में ..............................ये प्रेम भी 

कितना प्यारा होता है न ..............................सब कुछ कितना 

अच्छा  लगने लगता है ..................हसीन ...मदभरा .......सुहाना -

सुहाना .......

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